भारतपे ने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया है, जो अब कंपनी से जुड़े नहीं रहेंगे।

फिनटेक स्टार्टअप भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया है, जिससे दोनों पक्षों के बीच वर्षों से चली आ रही कड़वी कानूनी लड़ाई और सार्वजनिक विवादों का अंत हो गया है। भारतपे के प्रतिनिधि के अनुसार ग्रोवर किसी भी रूप में भारतपे से संबद्ध नहीं होंगे और न ही कंपनी के किसी भी शेयर के मालिक होंगे।

इसके अलावा, ग्रोवर के शेयर कंपनी के लाभ के लिए रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाएंगे, जबकि उनके शेष शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने अपने द्वारा दायर किए गए मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।

कंपनी के एक करीबी सूत्र के अनुसार, वह अपनी हिस्सेदारी का 1.4% हिस्सा भारतपे बोर्ड को हस्तांतरित करेंगे, जबकि शेष 3.5-3.7% हिस्सा पारिवारिक ट्रस्ट को जाएगा, जिससे वह कंपनी की कैप टेबल से बाहर रहेंगे।

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