झारखंड के रांची जिले के तमार निर्वाचन क्षेत्र में दो विरोधी खेमों के उम्मीदवारों का एक लंबा इतिहास, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा बिजली बकाया की माफी और भाजपा द्वारा किए गए कई वादे कुछ ऐसे कारक हैं जो इस चुनाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट और राज्य के दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र की 15 सीटों में से एक, तमार में 13 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा। यहां, दो बार विधायक रह चुके झामुमो विधायक विकास मुंडा का मुकाबला राज्य के पूर्व मंत्री और जेडी(यू) के गोपाल कृष्ण पातर से होगा।
राजा पीटर के नाम से मशहूर पातर 2008 में विकास के पिता और जेडी(यू) के पूर्व विधायक रमेश मुंडा की हत्या के मुख्य आरोपी हैं। एसटी मतदाताओं की संख्या 50% से अधिक है, जबकि दलित और मुस्लिम मतदाता क्रमशः 9% और 7% हैं।
विकास को उम्मीद है कि जेएमएम के कल्याणकारी उपाय, खासकर बिजली बिल माफ करने की योजना, अर्ध-शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को पसंद आएगी और उन्हें हैट्रिक बनाने में मदद करेगी, लेकिन मतदाताओं का एक वर्ग इसके पीछे विडंबना देख रहा है।
ऐसे ही एक मतदाता हैं व्यवसायी राजकुमार, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं और अपना उपनाम बताना नहीं चाहते। वे कहते हैं, “पिछले 10 सालों से एक बिजली का पोल ठीक नहीं हुआ। एक बार बिजली जला फिर कभी आया ही नहीं लौट के।”